The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
Devotees who chant these verses with powerful really like grow to be prosperous through the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to get youngsters, have their wants fulfilled right after partaking of Shiva-Prasad with faith and devotion.
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
अथ श्री बृहस्पतिवार shiv chalisa in hindi व्रत कथा
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र